आदिवासी ब्लाक खालवा में प्रशासन के सक्रिय रहने के बावजूद लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। खंडवा में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद जिले की सीमाएं भी सील कर दी गई हैं। इसी दौरान ग्राम पंचायत टिमरनी में रोज 200 से अधिक आदिवासी एक जगह एकत्रित हो रहे हैं। यह आदिवासी रोज गांव से लगे तालाब में सामूहिक रूप से मछली मारने जाते हैं। प्रशासन के निर्देश के बावजूद पंचायत इन्हें नहीं रोक सकी है या रोकने का प्रयास ही नहीं किया गया। इस संबंध में जनपद सीईओ केके उके ने कहा मछली शिकार बंद कराया जाएगा।
पांच गांव के तालाबों में सामूहिक रूप से पकड़ रहे हैं मछली
रोशनी-पटाजन क्षेत्र के पांच गांवों में इस तरह के तालाब हैं। ग्राम लंगोटी, अंबाखाल, सिरालिया, पिपल्या व दगड़कोट में भी बड़े तालाब हैं जिनमें मछली पालन किया जा रहा है। इन तालाबों में गांव के सैकड़ों आदिवासी महिला-पुरुष व बच्चे सामूहिक रूप से मछली मारने जाते हैं। भास्कर एक बाहर पहले भी प्रशासन को अवगत करा चुका है लेकिन इन्हें रोकने के प्रयास नहीं किए गए। जबकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए संपूर्ण लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में तालाबों के पास सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन किया जा रहा है।