कोरोनावायरस का संक्रमण और बढ़ने से सेंसेक्स में इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट, बीएसई 2709 अंक और निफ्टी 756 अंक गिरा

कोरोनावायरस का संक्रमण और बढ़ने और यूएस फेडरल के ब्याज दरों में कटौती के बाद सोमवार को देश के बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 2709.38 अंक गिरकर 31,394.10 अंकों पर पहुंच गया। सेंसेक्स में 7.94% की गिरावट आई। इसी तरह निफ्टी 756.10 अंक गिरकर 9,199.10 पॉइंट पर पहुंच गया। बाजार में आज फाइनेंस सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। एचडीएफसी, इंड्सइंड बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई समेत सभी प्रमुख बैंकों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। बीएसई 30 में शामिल कंपनियों के शेयर में तेज गिरावट देखने को मिली।


बाजार में आई गिरावट के 5 प्रमुख कारण



  • यूएस फेडरल ने ब्याज दरों में कटौती कर इसे शून्य के करीब ला दिया है। कोरोनावायरस फैलने के कारण बिजनेस और ट्रैवल ठप पड़ता जा रहा है। इससे लड़ने के लिए फेड ने यह कदम उठाया। इस कदम के बाद बॉन्ड बाजार में खरीदारी बढ़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपए में भी गिरावट आई।

  • फेडरल बैंक के ब्याज दरों में कटौती के बाद यूएस स्टॉक फ्यूचर्स में 5% की गिरावट आई। डाउ फ्यूचर्स 4.5% नीचे 1,041 अंकों पर पहुंच गया। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स 4.8% और नैस्डैक फ्यूचर्स 4.5% नीचे है। इस गिरावट का असर देश के बाजारों पर भी देखने को मिला।

  • देश में कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने की खबरों से निवेशकों में घबराहट बढ़ गई है। महाराष्ट्र और केरल में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या बढ़ी है। इटली और ईरान से भी 450 भारतीयों को वापस लाया गया है। चीन के बाद ये दोनों देश कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

  • वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि दुनियाभर में कोरोना का संकट और गहराने से भारतीय कंपनियों के सामने क्रेडिट का दबाव बढ़ गया है। एजेंसी ने कहा है कि एयरलाइंस, होटल, मॉल्स, मल्टीप्लेक्स और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।

  • विदेशी संस्थागत निवेशकों के घरेलू बाजारों से पैसा निकालने के कारण भी बाजार के ऊपर दबाव है। मार्च में अब तक निवेशक 35,000 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। कोरोनावायरस फैलने के कारण निवेशक घबराए हुए हैं।